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हमारे आस पास के पर्यावरण में बहुत सारे जिव जंतु है, जिनमे कभी आपके एकांत को चीरते हुए एक मधुर स्वर हमेशा आपको उसे ढूंढने की कोशिश करता ही होगा, उसकी चंचलता और शालीनता आपको प्रवाभित करती ही होगी और कभी कभी परेशान, लेकिन हम चाह के भी उसको अनदेखा नहीं कर सकते, पंछी ऐसे ही होते हैं। लेकिन आज कल के भाग दौड़ की जिंदगी में मनुष्य  इतना परेशान हैं की उसे अपने आलावे किसी की चिंता नहीं रही, कभी इन् पक्षियों को अपने घर में देखना सौभाग्य और सहकारिता के लिए शुभ जाना जाता था, जो की आज वो संकीर्ण हो चूका हैं। फिर भी के उपेक्छाओ जो सहते हुए भी ये अपने जीवन के लिए हमेशा संघर्ष करते रहते हैं, बिना किसी शोर के।  अब ये दिन ब दिन लुप्त होते जा रहे हैं इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं, सरकार के साथ साथ हम भी मुँह मोड़ चुके हैं, पर इनको इसकी चिंता नही, ये कल भी आज़ाद थे और आज भी आज़ाद हैं।           ये अभी हैं शायद आने वाली पीढ़ी इन्हे न देख पाए। 

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About Me

Dr. Tanweer Adil

My name is Dr. Tanweer Adil and I have been involved with this profession for the last 10 years. During my time living in Delhi, I would often go to hilly places like Himachal Pradesh, Uttarakhand, Kashmir during .....

 

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© 5 October 2021

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